DURVASA RISHI ASHRAM FARRUKHABAD
आज से 22 जून तक रहेगा ज्येष्ठ शुक्लपक्ष, जल का दान करें और बालगोपाल का करें अभिषेक
इसी दौरान आएंगे गंगा दशहरा, मिथुन संक्रांति और निर्जला एकादशी जैसे बड़े व्रत |
श्री सीता राम: वर्तमान में हिन्दी पंचांग के अनुसार तीसरा महीना ज्येष्ठ चल रहा है और आज (7 जून) से इस महीने का दूसरा पक्ष, शुक्ल पक्ष का आरंभ हुआ है। यह माह 22 जून तक रहेगा। ज्येष्ठ मास में गंगा दशहरा और निर्जला एकादशी जैसे प्रमुख व्रत और पर्व मनाए जाते हैं। इस महीने में जल और छाते का दान करना शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में कौन-कौन से शुभ कार्य किए जा सकते हैं…
ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में करने योग्य शुभ कार्य
महाराज श्री के अनुसार, ज्येष्ठ मास में प्रतिदिन सुबह जल्दी उठना चाहिए और स्नान के उपरांत सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। अर्घ्य देने के लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें और ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जप करते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं।
पूजा विधि
- गणेश पूजा: रोज सुबह जल्दी उठकर घर के मंदिर में सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें। गणेश जी को स्नान कराएं, वस्त्र और हार-फूल से सजाएं। दूर्वा और अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें। धूप-दीप जलाएं और लड्डू का भोग लगाएं।
- श्रीकृष्ण पूजा: गणेश पूजा के बाद श्रीकृष्ण की पूजा करें। श्रीकृष्ण को पहले शुद्ध जल, फिर पंचामृत और फिर से शुद्ध जल से स्नान कराएं। इसके बाद वस्त्र, हार-फूल अर्पित करें। फल, मिठाई, जनेऊ, नारियल, पंचामृत, सूखे मेवे, पान और दक्षिणा चढ़ाएं। चंदन का तिलक करें और धूप-दीप जलाएं। तुलसी के पत्ते डालकर माखन-मिश्री का भोग लगाएं।
मंत्र जप
‘कृं कृष्णाय नम:’ मंत्र का जप करें। इसके अलावा ‘ऊँ नमो भगवते गोविन्दाय’, ‘ऊँ नमो भगवते नन्दपुत्राय’, या ‘ऊँ कृष्णाय गोविन्दाय नमो नम:’ मंत्र का जप भी कर सकते हैं। कर्पूर जलाकर आरती करें, परिक्रमा करें और पूजा में हुई अनजानी भूल के लिए क्षमा याचना करें। अंत में प्रसाद वितरित करें और स्वयं भी ग्रहण करें।
अन्य शुभ कार्य
- शिवलिंग पर ठंडा जल चढ़ाएं।
- पूजा के बाद घर के मंदिर में कुछ देर ध्यान करें।
- किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाएं, या प्याऊ में मटके और धन का दान करें।
- धन, अनाज, जूते-चप्पल, कपड़े और छाते का दान करें।
- गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें और गायों को हरी घास खिलाएं।
- पशु-पक्षियों के लिए खाने और पानी की व्यवस्था करें, और घर के आसपास पेड़-पौधों को पानी अवश्य दें।
इस प्रकार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष में इन शुभ कार्यों को करके आप अपने जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और पुण्य प्राप्त कर सकते हैं।
इस पखवाड़े में गर्मी तेज होती है, इसलिए इन दिनों में आने वाले व्रत और पर्व जल की अहमियत को समझाते हैं। आइए जानते हैं आने वाले दिनों में कौन-कौन से व्रत और पर्व मनाए जाएंगे:
आने वाले व्रत-पर्व
10 जून, सोमवार:
इस दिन विनायक चतुर्थी है। इस तिथि पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सेहत और सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं और गणेश जी की पूजा करती हैं।
15 जून, शनिवार:
इस दिन सूर्य मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन मिथुन संक्रांति पर्व मनाया जाएगा। इस पर्व पर तीर्थ स्नान करने के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और दिन में जरुरतमंद लोगों को दान दिया जाता है।
16 जून, रविवार:
इस दिन गंगा दशहरा मनाया जाएगा। इस तिथि पर पवित्र गंगा नदी की विशेष पूजा की जाती है। भक्त गंगा नदी में स्नान करते हैं और स्नान के बाद नदी किनारे दान-पुण्य करते हैं एवं तीर्थ दर्शन करते हैं।
18 जून, मंगलवार:
इस दिन निर्जला एकादशी रहेगी। मान्यता है कि इस एक दिन के व्रत से सालभर की सभी एकादशियों के व्रत का पुण्य मिल जाता है। निर्जला एकादशी निर्जल यानी बिना पानी के की जाती है, व्रत करने वाले लोग पूरे दिन पानी भी नहीं पीते हैं।
21 और 22 जून:
इन दोनों दिनों में ज्येष्ठ महीना समाप्त हो जाएगा। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा दो दिन रहेगी। 21 जून को पूर्णिमा का व्रत किया जाएगा और 22 जून को भी पूर्णिमा होने से इस दिन नदी स्नान और दान-पुण्य किया जाएगा। संत कबीरदास जयंती भी इसी दिन मनाई जाएगी।